दरभंगा जिले के कई सरकारी स्कूल परिसर में नहीं है चहारदीवारी, कैसे होगी बच्चों की सुरक्षा।
समाजसेवी केशव ठाकुर ने *जिले के सभी पंचायतों के सरकारी स्कूलों के जमीन का मापी करवा कर चहारदीवारी (बाउंड्री वॉल) करवाने के लिए मानवाधिकार आयोग में दायर किया परिवाद।*
जिला लोक शिकायत पदाधिकारी के आदेश के बाद भी अभी तक सभी स्कूलों का बाउंड्री नहीं हो पाया है।
दरभंगा जिला के जाले प्रखंड अंतर्गत रतनपुर पंचायत के सरकारी स्कूलों में आज तक स्कूली बच्चों को स्कूल की चहारदीवारी नहीं मिल पाई है।
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रतनपुर, दुर्गा स्थान के पास मौजूद विधालय परिसर के बीच से होकर सड़क भी गुजरता है। परिसर के बीच से होकर गुजरते सड़क पर वाहनों का आवागमन रहने के कारण बच्चों का पढ़ाई में ध्यान केंद्रित नहीं हो सकता, और दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। स्कूल के बच्चे चाह कर भी नहीं पढ़ सकते। लेकिन इस मामले पर आज तक शिक्षा विभाग इस स्कूल की सुध नहीं ले पाया है।
एक रतनपुर पंचायत ही नही बल्कि दरभंगा जिला के कई सरकारी स्कूलों में आज तक स्कूली बच्चों को स्कूल की चहारदीवारी नहीं मिल पाई है।
इसके कारण बच्चों की पढ़ाई वर्षों से प्रभावित हो रही है।
स्कूल की चारदीवारी नहीं होने के कारण स्कूल में आवारा पशुओं का आवागमन भी होगा। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो सकती है।
बिहार के कई सरकारी स्कूलों में आज तक स्कूली बच्चों को स्कूल की चहारदीवारी नहीं मिल पाई है।
एक RTI रिपोर्ट के अनुसार बिहार राज्य में कुल 75466 सरकारी और गैर सरकारी स्कूल है। जिसमे से कुल 31552 सरकारी और निजी स्कूलों में चहारदीवारी नही है। जिसका असर छोटे बच्चों के सुरक्षा व्यवस्था पर सीधे तौर पर हो रहा है।
स्कूल की चहारदीवारी नहीं होने से स्कूल के शिक्षकों को छोटे बच्चों को संभालना बहुत ही मुश्किल रहता है। कभी कभार बच्चे आधी क्लास से उठकर इधर-उधर चले जाते हैं। स्कूल की चहारदीवारी न होना स्कूल में अनुशासनहीनता का एक मुख्य कारण है।
केशव ठाकुर ने परिवाद में मांग किया है कि रतनपुर पंचायत सहित दरभंगा जिला अंतर्गत सभी पंचायतों के सरकारी स्कूलों के जमीन का मापी करवा कर चहारदीवारी (बाउंड्री वॉल) करवाया जाए।*
जिससे की स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे सुरक्षित रहें।
ठाकुर का कहना है की स्कूलों के पास मौजूद सरकारी भूमि को भी चिन्हित कर चहारदीवारी (बाउंड्री वॉल) करवाया जा सकता है। जिसपर भविष्य में बच्चों के लिए नए क्लास रूम बनाया जा सकता है।